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नवजात शिशुओं के बारे में कुछ रोचक बातें

dreamy-children-s-day-celebrationनवजीवन की पहली किलकारी, अद्भुत यात्रा की शुरुआत।

नवजात शिशु के जीवन के पहले कुछ महीने एक अद्भुत और अविस्मरणीय यात्रा होते हैं। इस छोटे से जीवन में इतने सारे चमत्कार होते हैं कि वे हर दिन कुछ नया सिखाते और अनुभव कराते हैं। नवजात शिशुओं की कुछ खास बातें हैं, जो उन्हें बेहद अनूठा बनाती हैं।

नवजात शिशु के लिए रोना सिर्फ एक अभिव्यक्ति का साधन नहीं है, बल्कि यह उनकी भाषा होती है। जब भी वे भूख, थकान या असुविधा महसूस करते हैं, तो वे रोने के माध्यम से अपनी बात समझाने की कोशिश करते हैं। माँ की आवाज़ और गंध को पहचानना, उनकी खास पहचान होती है, जो उनके और माँ के बीच एक अनोखा संबंध बनाता है।

इन नन्हें शिशुओं के सपने देखना, उनकी नींद का हिस्सा है। वे नींद में भी सपने देखते हैं, जिससे उनके मस्तिष्क का विकास होता है। जन्म के कुछ समय बाद, उनकी आँखों का रंग भी बदलता है, जो कि उनके जीन के आधार पर होता है। उनके पास अद्वितीय उंगलियों के निशान होते हैं, जो जीवनभर एक जैसे रहते हैं।

शिशु की पहली मुस्कान उनके माता-पिता के लिए एक बेहद खास पल होता है। हालांकि, शुरुआत में यह एक अनैच्छिक प्रतिक्रिया होती है, लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, वे मुस्कुराने का मतलब समझने लगते हैं और अपने प्रियजनों के साथ इसे साझा करते हैं।

इन सभी खासियतों के साथ, नवजात शिशु का जीवन एक अनमोल उपहार है। उनके साथ बिताया गया हर पल सिखाने और सीखने का होता है। उनके छोटे-छोटे कदम, उनकी छोटी-छोटी मुस्कान, और उनकी नन्हीं-नन्हीं हरकतें, सब कुछ एक नई दुनिया की खोज का हिस्सा होते हैं।

नन्हीं मुस्कान, अनमोल पल।

 

  1. नवजात का रोना एक भाषा है: नवजात शिशु रोने के माध्यम से अपनी जरूरतों को व्यक्त करते हैं। उनका रोना उनके भूख, थकान, या असुविधा को व्यक्त करता है। हर शिशु का रोना अलग-अलग होता है और माता-पिता इसे पहचान सकते हैं।
  2. सपनों की दुनिया: नवजात शिशु अपने जीवन के शुरुआती महीनों में बहुत ज्यादा सोते हैं, और वे नींद में भी सपने देखते हैं। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि वे सपने में क्या देखते हैं, लेकिन यह उनकी मानसिक और शारीरिक विकास का हिस्सा होता है।
  3. अद्वितीय उंगलियों के निशान: नवजात शिशुओं के पास जन्म से ही अद्वितीय उंगलियों के निशान होते हैं। ये निशान उनकी पहचान का हिस्सा होते हैं और जीवनभर एक जैसे रहते हैं।
  4. माँ की गंध पहचानना: नवजात शिशु अपनी माँ की गंध को पहचान सकते हैं। जन्म के कुछ ही दिनों में, शिशु अपनी माँ की गंध को अन्य सभी से अलग पहचानने लगते हैं, जिससे उनका माँ के साथ विशेष संबंध बनता है।
  5. नवजात का सिर बड़ा होता है: नवजात शिशु का सिर उनके शरीर के अनुपात में बड़ा होता है। यह इसलिए होता है क्योंकि जन्म के समय उनका मस्तिष्क काफी विकसित हो चुका होता है और इस कारण उनका सिर बड़ा दिखाई देता है।
  6. रंग बदलती आँखें: कई नवजात शिशुओं की आँखों का रंग जन्म के समय नीला या ग्रे होता है, लेकिन कुछ महीनों बाद उनका असली रंग विकसित हो जाता है, जो कि उनके जीन पर निर्भर करता है।
  7. अद्भुत ग्रिप: नवजात शिशु की हथेली पर हल्का सा स्पर्श होने पर वे अपनी उंगलियों को तुरंत मोड़ लेते हैं और किसी चीज़ को पकड़ लेते हैं। इसे ग्रास्प रिफ्लेक्स कहा जाता है और यह उनकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है।
  8. श्वास की दर: नवजात शिशु की श्वास दर वयस्कों से कहीं ज्यादा तेज होती है। वे लगभग 30 से 60 बार प्रति मिनट श्वास लेते हैं, जबकि वयस्कों की श्वास दर लगभग 12 से 20 बार प्रति मिनट होती है।
  9. स्वयं की सुरक्षा: नवजात शिशु में एक विशेष प्रकार की त्वचा होती है, जिसे “वर्निक्स केसियोसा” कहा जाता है। यह त्वचा की एक सफेद, चिपचिपी परत होती है जो शिशु को गर्भ में सुरक्षा प्रदान करती है और जन्म के बाद भी कुछ समय तक बनी रहती है।
  10. मुस्कान का जादू: नवजात शिशु जब पहली बार मुस्कुराते हैं, तो यह एक बहुत ही खास पल होता है। हालांकि, उनकी पहली मुस्कान अक्सर अनैच्छिक होती है और इसे ‘रिफ्लेक्स स्माइल’ कहा जाता है। लेकिन धीरे-धीरे वे मुस्कराहट का मतलब समझने लगते हैं और इसे अपने प्रियजनों के साथ साझा करते हैं।

  1. भविष्य की आवाज़ की पहचान: नवजात शिशु गर्भ में ही अपनी माँ की आवाज़ सुन सकते हैं और जन्म के बाद भी वे उस आवाज़ को पहचानते हैं। यह उन्हें अपनी माँ के करीब महसूस कराता है और उनकी आवाज़ सुनकर वे शांत हो जाते हैं।
  2. अद्वितीय सोने की पोजीशन: नवजात शिशु अक्सर उसी पोजीशन में सोना पसंद करते हैं जिसमें वे गर्भ में होते हैं। यह उनके लिए आरामदायक होती है और उन्हें सुरक्षित महसूस कराती है।
  3. रंगों की पहचान: जन्म के समय नवजात शिशु केवल काले और सफेद रंग देख सकते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उनके दृष्टि क्षमता में सुधार होता है और वे अन्य रंगों को भी पहचानने लगते हैं।
  4. अचानक झटके (मॉरो रिफ्लेक्स): नवजात शिशु अचानक जोर से आवाज़ सुनने या किसी झटके का अनुभव करने पर अपने हाथ और पैर फैला देते हैं। इसे मॉरो रिफ्लेक्स कहते हैं, और यह उनकी प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जो उन्हें सुरक्षा महसूस कराने में मदद करती है।
  5. दूध की सुगंध: नवजात शिशु विशेष रूप से अपने माँ के दूध की सुगंध को पहचानते हैं। यह उन्हें शांत करने और उनकी भूख मिटाने में मदद करता है। शिशु का यह संबंध माँ और शिशु के बीच के बंधन को और भी मजबूत बनाता है।
  6. ध्वनि की ओर आकर्षण: नवजात शिशु विशेष रूप से तीखी आवाजों की ओर आकर्षित होते हैं। वे अक्सर संगीत, लोरी, या किसी भी नियमित ध्वनि को सुनकर शांत हो जाते हैं। यह उनकी सुनने की क्षमता के विकास में भी मदद करता है।
  7. नकल करने की अद्भुत क्षमता: नवजात शिशु जल्दी ही अपने आस-पास के लोगों की भाव-भंगिमाओं और आवाज़ों की नकल करना शुरू कर देते हैं। यह उनकी सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा है और उन्हें अपने आस-पास की दुनिया को समझने में मदद करता है।
  8. अजीब चेहरे बनाना: नवजात शिशु विभिन्न चेहरे बनाते हैं, जैसे कि घूरना, भौं सिकोड़ना, या होंठ गोल करना। ये चेहरे बनाना उनकी चेहरे की मांसपेशियों के विकास का हिस्सा होता है और साथ ही यह उनके माता-पिता को भी काफी मनोरंजन देता है।
  9. जीभ बाहर निकालना: नवजात शिशु अक्सर अपनी जीभ बाहर निकालते हैं। यह उनकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है और उन्हें अपनी जीभ और होंठ की मांसपेशियों का अभ्यास करने में मदद करती है।
  10. त्वचा का रंग बदलना: नवजात शिशु के शरीर का रंग बदलता रहता है, खासकर अगर वे ठंड महसूस करते हैं। कभी-कभी उनकी त्वचा नीली या गुलाबी हो जाती है, लेकिन यह सामान्य होता है और धीरे-धीरे स्थिर हो जाता है।

नवजात शिशु की हर छोटी-बड़ी हरकत और उनकी विकास की प्रक्रिया अद्वितीय और आश्चर्यजनक होती है। इन छोटे-छोटे कदमों के माध्यम से वे दुनिया को जानने और समझने की दिशा में बढ़ते हैं।

नवजात शिशुओं के बारे में कुछ रोचक बातें

 

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